Raipur,25 April 2025। छत्तीसगढ़ के सीजीएमएससी घोटाला मामले में अब प्रवर्तन निदेशालय की भी एंट्री हो गई है। विश्वसनीय सूत्र के अनुसार ईडी ने इस मामले में ईसीआईआर दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।
एसीबी कर रही है जांच
सीजीएमएससी घोटाला मामले में एसीबी/ईओडब्लू ने बीते 22 जनवरी 2025 को एफआईआर कर कार्यवाही कर रही है। मूलतः एसीबी की जांच यह जांच कर रही है कि,तीन टेंडरों के जारी किए जाने में टेंडर प्रक्रिया का पालन किया गया या नहीं,और टेंडर प्रक्रिया में यदि गड़बड़ी हुई है तो दोषी कौन हैं या कि कौन कौन हैं। एसीबी/ईओडब्लू ने अब तक मोक्षित समूह के शशांक चोपड़ा सहित सीजीएमएससी में तत्कालीन कार्यरत पांच अधिकारियों को गिरफ्तार जेल भेज दिया है।
ईडी क्यों ?
विश्वसनीय सूत्र ने बताया है कि प्रवर्तन निदेशालय को इस घोटाला मामले में बड़े स्तर पर मनी लॉंड्रिंग की आशंका है। ईडी की इस मामले में दर्ज ईसीआईआर का आधार एसीबी में दर्ज एफआईआर है।सीजीएमएससी के इस घोटाले को लेकर तमाम चर्चाएं होती रही हैं। इसे लेकर यह दावा किया जाता रहा है कि,प्रभावशाली अधिकारियों ने सिंडिकेट बनाकर वास्तविक मूल्य से कहीं अधिक दरों पर मेडिकल उपकरणों और दवाइयों की ख़रीदी की,इनमें रिएजेंट का ज़िक्र बार बार आता रहा है। कहीं कहीं पर इस घोटाले को 600 करोड़ का भी बताया गया है।लेकिन एसीबी के सूत्र ने संकेत दिए हैं कि, भुगतान के बिल क़रीब तीन सौ करोड़ के लंबित थे।