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Chhattisgarh:अंबिकापुर में व्यापारी सड़कों पर,GST विभाग पर गंभीर आरोप

अंबिकापुर में व्यापारियों ने GST की कार्यवाही पर सवाल उठाते हुए रैली निकाली है। व्यवसायियों ने अंबिकापुर बंद का आव्हान किया है। GST ने कार्यवाही को सही ठहराया है।

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By: याज्ञवल्क्य
3 days ago
Chhattisgarh:अंबिकापुर में व्यापारी सड़कों पर,GST विभाग पर गंभीर आरोप

Surguja,31 May 2025। अंबिकापुर के व्यापारियों ने जीएसटी विभाग की कार्यशैली और कार्यवाही पर गंभीर सवाल करते हुए शहर में रैली निकाली और साथ ही कल याने  रविवार 1 जून को शहर बंद का आह्वान किया है।

क्यों भड़के व्यापारी

जीएसटी विभाग के अधिकारियों ने अंबिकापुर स्थित मेसर्स लक्ष्मी ट्रेडर्स में कार्यवाही शुरु की। इस कार्यवाही की शुरुआत के साथ ही व्यापारियों में नाराजगी भड़क गई। व्यापारियों ने आरोप लगाया कि, जीएसटी विभाग की कार्यवाही अवैध वसूली के लिए परेशान करने के लिए हो रही है, छः महीने के भीतर यह उसी संस्थान में तीसरी कार्यवाही है। जीएसटी इसी तरह से एक एक व्यापारिक संस्थान में बार बार जा रही है। आक्रोशित व्यापारियों ने जीएसटी की कार्यवाही के विरोध में रैली निकाल कर अंबिकापुर नगर बंद का आह्वान किया है।व्यापारियों ने आक्रोशित स्वर में कहा -“यदि इसी तरह से कार्यवाही करना है तो जीएसटी अधिकारी हमसे दुकानों की चाभी ही लें लें।”

व्हाट्सएप पर स्टेटस लगाया व्यापारियों ने

व्यापारियों ने एक स्टेटस बनाया है जिस पर लिखा गया है -“हम व्यापारी हैं चोर नहीं।” यह स्टेटस व्यापारियों ने अपने व्हाट्सएप में लगा लिया है।

कांग्रेस ने दिया समर्थन

आक्रोशित व्यापारियों के प्रदर्शन और बंद के आह्वान को सरगुजा जिला कांग्रेस कमेटी ने समर्थन दे दिया है। कांग्रेस की ओर से जारी बयान में कहा गया है -“GST विभाग गब्बर सिंह की तर्ज़ पर व्यापारियों को परेशान कर रहे हैं।कांग्रेस सदैव छोटे-मंझौले व्यापारियों के हितों के साथ है। कांग्रेस GST विभाग के कर्मचारियों के क्रियाकलापों के विरोध में व्यापारियों द्वारा प्रस्तावित नगर बंद को समर्थन देती है।”

जीएसटी ने जारी किया बयान

अंबिकापुर में हंगामे और विरोध प्रदर्शन के बीच जीएसटी विभाग की ओर से एक प्रेस नोट जारी किया गया है।इस प्रेस नोट में बताया गया है कि,GST ने जांच की कार्यवाही की है। जीएसटी के प्रेस नोट में उल्लेखित है -“जांच में यह पाया गया है कि,2017-18 से लेकर 2024-25 तक कुल टर्न ओवर लगभग 96 करोड़ रुपये से अधिक है, लेकिन कर का नगद भुगतान नगण्य किया गया है।ई-वे बिल की जांच में यह पाया गया है कि,2023-24 में माल की खरीदी 11 करोड़ की गई लेकिन माल की सप्लाई केवल 7 करोड़ की ही की गई है। जांच के दौरान व्यवसायी ने गलती स्वीकर कर स्वैच्छिक रुप से 17.55 लाख कर भुगतान कर दिया गया है।उक्त व्यवसायी पर जीएसटी विभाग द्वारा पूर्व में कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

 

 

 

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