Raipur,7 July 2024। 1992 बैच के आईपीएस एडीजी पवन देव की पदोन्नति की राह साफ़ हो गई है। बीते 12 जून को डीजी पद के लिए डीपीसी में अरुण देव गौतम और हिमांशु गुप्ता के साथ पवन देव की भी पदोन्नति तय थी, लेकिन पवन देव का लिफ़ाफ़ा तब ‘बिलासपुर प्रकरण’ की वजह से बंद ही रह गया।
हट गई ‘निराशा’ खुल गया लिफ़ाफ़ा
पढ़ाई से मैकेनिकल इंजीनियर और पेशे से आईपीएस अप्रिय कारणों से चर्चाओं में रहे हैं। आईपीएस पवन देव का प्रोबेशन दौर बिलासपुर जिले में था, उसी बिलासपुर में रेंज आईजी रहते हुए पवन देव अप्रिय वजहों से सुर्ख़ियाँ बटोर गए। पवन देव का कथित वॉयस क्लिप वायरल हुआ।इस प्रकरण की वजह से पवन देव विशाखा समिति और कोर्ट कचहरी में भी उलझे। यही वह मसला था जिस वजह से बीते 12 जून को डीपीसी में पवन देव का लिफ़ाफ़ा नहीं खुला था। लेकिन तेज़ी से हुए घटनाक्रम में ‘बिलासपुर प्रकरण’ की वजह से पदोन्नति के बंद लिफ़ाफ़े की ‘निराशा’ बीते 3 जून को समाप्त हो गई है।विभागीय सूत्र कहते हैं कि दो जून को डीजी पद पर पदोन्नति हुई और तीन जून को पवन देव के खिलाफ मामला नस्तीबद्ध करने का आदेश जारी हो गया।
सब अनुकूल रहा तो पदोन्नत हो जाएँगे
सूचनाएँ यह कहती हैं कि, सब अनुकूल रहा तो इस हफ़्ते एडीजी पवन देव डीजी पद पर पदोन्नत हो जाएँगे।उनकी पदोन्नति की प्रक्रिया अब औपचारिक प्रक्रिया के अंतिम चरण में है। चर्चा रही है कि,विशाखा समिति की रिपोर्ट आईपीएस पवन देव के प्रतिकूल थी। आईपीएस पवन देव को कैट से राहत मिली थी। लेकिन कैट की राहत के बावजूद विधिक प्रश्न खड़े थे।